नवजात की आंखों में पानी आना, रोशनी में आंखें नहीं खुलना हो सकता है ग्लूकोमा का संकेत
ग्लूकोमा है क्या? (What is Glucoma?)
ग्लूकोमा आंखों से जुड़ी एक बीमारी है| जिससे कि आंखों की रोशनी या देखने की क्षमता खत्म हो सकती है|
ग्लूकोमा कैसे होता है?
हमारी आंख एक गेंद की तरह है, जिसमें कोई तरल या जेली प्रकार का पदार्थ भरा हुआ है| अगर किसी वजह से इस तरल की मात्रा आंख में बढ़ जाती है, तो प्रेशर या दबाव बनता है।
आंख का प्रेशर कितना होना चाहिए?
यह प्रेशर 10 से 21mm Hg तक रहता है तो यह सामान्य होता है| 21mm Hg से ज्यादा होता है तो वह ग्लूकोमा की श्रेणी में आता है|
इसके दबाव के कारण हमारी तंत्रिका तंत्र या optic nerve डैमेज होने लगती है और आंखों की रोशनी धीरे-धीरे खत्म होती रहती है|
क्या ग्लूकोमा में गयी रोशनी वापस आ सकती है?
ग्लूकोमा की वजह से गई हुई रोशनी वापस नहीं लाई जा सकती परंतु इसका इलाज करके इसको यहीं पर रोका जा सकता है ताकि बाकी आंखों की रोशनी को बचाया जा सके।
अगर कोई नवजात शिशु है जिसकी आंखें रोशनी में नहीं खुल पा रही है साथी उसका कॉर्निया का साइज 13 मीटर तक पहुंच गया हो और वह सफेद हो गया हो इसके साथ ही उसमें पानी भी आ रहा हूं तो यह congenital या जन्मजात ग्लूकोमा है|
अगर ग्लूकोमा के लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए
बच्चों को किस उम्र में होता है ग्लूकोमा?
यह जन्म से लेकर 3 साल तक की उम्र तक हो सकता है लेकिन उनके मुताबिक इसका इस बीमारी की गंभीरता कम होती है जन्म पर यह बीमारी होने पर ज्यादा, 6 महीने बाद थोड़ा, कम साल भर बाद गंभीर और कम होती है|
ग्लूकोमा का इलाज (Treatment of Glucoma)
बच्चों को किस उम्र में होता है ग्लूकोमा?
यह जन्म से लेकर 3 साल तक की उम्र तक हो सकता है लेकिन उनके मुताबिक इसका इस बीमारी की गंभीरता कम होती है जन्म पर यह बीमारी होने पर ज्यादा, 6 महीने बाद थोड़ा, कम साल भर बाद गंभीर और कम होती है|
ग्लूकोमा का इलाज (Treatment of Glucoma)
इसे डायग्नोज करवाएं नहीं तो आंखों की रोशनी पूरी तरह से खत्म हो सकती है|
इसका इलाज सर्जरी है अगर नवजात से शुरू इसके लिए फिट नहीं है तो उसे पहले दवाइयों से ट्रीट किया जाता है|
पहली स्टेज यानी प्राइमरी कंजेनाइटल ग्लूकोमा पर इसकी सर्जरी कराने पर बच्चा 80 से 90% तक देख सकता है| देर करने या देरी पर सर्जरी कराने पर बच्चे की दृष्टि 30% तक कम हो सकती है|
क्योंकि यह अंधापन का एक मुख्य कारण बन चुका है|
WHO ने इसे अंधेपन का एक मुख्य कारण बताया है|